Life, My Poems

तन्हाई -Loneliness

Originally Posted on 30th Aug 2018
You cannot be lonely if you like the person you’re alone with.”
— Dr. Wayne Dyer

तन्हाई

अब
नहीं डराती है तन्हाई  मुझको
जबसे
अपनी बातों में  वो ले आई  तुझको
उसकी बातों में तेरा यूँ हर पल होना
मेरे लिए होगया सुहागे में सोना
हाँ , सुहागे में सोना !
मेरी तन्हाई थी सुहागा
तेरी बातें हैं सोना !
अब लम्बी साँसे भरकर नहीं मैं कहता
“मैं और मेरी तन्हाईयाँ !”
अब चौड़ी  सी मुस्कान लिये
क्या कहता हूँ जरा सुन
“मैं मेरी तन्हाईयाँ और तुम !”
-रविन्द्र कुमार करनानी 

Loneliness don’t scare me,now it’s true
Ever since it started talking about you
It is no longer me and  my solitude
Now, it’s me, my solitude and you too!
-Ravindra Kumar Karnani

Humour, My Poems, Sattire

मैं,मेरी तन्हाई और मेरे कपड़े :)

एक कटुपाहास पर इसे हल्का फुल्का मजाक कहना आधी सही होगा, उनलोगों पर जो अकेले में सिर्फ खाने पीने के विषय में सोचते हैं !

meri tanhai aur kapde

मैं,मेरी तन्हाई और मेरे कपड़े 

मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं ….
कि चाय के साथ समोसा होता तो कैसा होता
और साथ जलेबी भी होती तो कैसा होता..
एक दिन ‘कपडे’ बीच में बोल ही पड़े
कुछ तो दया करो हम पर
खिंच टन कर हमारा बुरा हाल है
क्यों नहीं तुम्हारे मन में
हमें कुछ दिन और पहनने का ख़याल है ?
बिस्कुट से काम चलाया करो
जलेबी समोसा बीच में ना लाया करो !
😂😂😂😂

-रविन्द्र कुमार करनानी
rkkarnani@gmail.com
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