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कानन

आज का शब्द कानन (वन, जंगल)
कानन
“कानन” सुन सहज ही याद आती
माता की आरती!
“कानन कुंडल शोभित,नासाग्रे मोती”
आज का संदर्भ ऐसा
“कानन” को बुद्धि,
धरती माँ संग जोड़ती।
वीरान होरहे थे कानन
काटे जा रहे थे आनन फानन
ये बातें भूतकाल की हैं
अब शुरू है नया आंदोलन।
जाग उठा है मनुष्य
खाकर ठोकर पर ठोकर
गलती सुधार रहा अपनी
नित नए पौधे बो कर।
पाठ और भी पक्का किया जब
कोविड काल ने आकर बताई
मूक प्राणी के घर की महत्ता
हमारी अपने घर तक थी
सिमट गई अपनी सत्ता।
अब आनन फानन में ना सही
पर हरित हो रहे कानन फिर से
आभार जताता हर प्राणी सृष्टि का
अपने अंदरतम हिय से।
-रविन्द्र कुमार करनानी
22.10.2020
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