शैलेश रितिका के मन की बात कहने का प्रयास , अपनी होने वाली बहु ,ऋषभ की मंगेतर, शिवांगी के लिए !
रितिका शैलेश की जो थी दिल की चाहत
ठाकुर ने पूरे मन से आज पूरी है करवाई
शैलेश और रितिका की जो थी दिल की चाहत
ठाकुर ने पूरे मन से आज पूरी है करवाई
प्यारी बिटिया घर आई
हृदय की ख़ुशी बन शिवांगी घर आई
प्यारी बिटिया घर आई,
सब मिल देवें बधाई, बधाई , बधाई
आज अँगना सजा है बजी है शहनाई
ज़माने की खुशियां शिवांगी बन आई,
हम देते बधाई , बधाई ,बधाई
है स्वागत तुम्हारा नये घर में बिटिया
है स्वागत तुम्हारा नये घर में बिटिया
तेरे शुभ क़दमों ने घर की रौनक बढ़ाई
ज़माने की खुशियां शिवांगी बन आई,
हम देते बधाई , बधाई ,बधाई
ये सफर नया है ज़िन्दगी का, राह है नई
रिश्ते नए,जो प्रेम डोर में, पिरोने हैं कई
उस घर की सोन चिरैया तुम
इस कुल को भी रोशन करना
चांडक परिवार का तो है, केवल तुमसे ये कहना
तुम बन के बहू आई ,बेटी बन के रहना
तुम बन के बहू आई ,बेटी बन के रहना
हम देते बधाई , (बधाई बधाई )
ज़माने की खुशियां शिवांगी बन आई,
हम देते बधाई , (बधाई बधाई )
ऋषभ के दिल में बसी इसके प्यार की छवि
दोनों के दिल में बसी एक दूजे की छवि
आई है इनकी ज़िन्दगी में एक नई बहार सी
यूँ ही बगिया महके सदा खुशियों के फूल खिले
यूँ ही गुनगुनाता , मुस्कुराता ये कारवां चले
नज़रें ना लगे इनको, हम सबकी दुवाएं मिले
मास्टर ने कितनी प्यारी, जोड़ी है ये बनाई
मास्टर ने कितनी प्यारी, जोड़ी है ये बनाई
हम देते बधाई , (बधाई बधाई )
हृदय की ख़ुशी बन शिवांगी घर आई
ज़माने की खुशियां शिवांगी बन आई
हम देते बधाई , (बधाई बधाई )
-रविन्द्र कुमार करनानी
09.03.2023