इस तस्वीर को देख कर दिल काँप गया था और बच्ची के बाप को कोस रहा था तभी एक ख़याल मन को झकझोर गया : पिता और बेटी की दूरी भूख की मजबूरी है तब ये लाइनें लिखी गईं |
भूख
पत्थर दिल भी
देख कर मंजर
सिहर जायेगा |
पर बात पूरी जान
शायद
समझ जायेगा |
स्वयं से अधिक
कचोट रही
बच्चे की भूख |
लोगों ने कोसा
निर्मम!
ऐसे कैसे
डाल सकते हो
अपने बच्चे की
जान जोखिम में?
अब उन्हें
कैसे बताऊँ
भूख से भी तो
लगी थी
जान की बाज़ी
और वो बाज़ी
हारता तिल तिल !
-रविन्द्र कुमार करनानी
22 Oct 2019
rkkblog1951.wordpress.com
दिल को छू लेनेवाली तस्वीर एवं पंक्तियाँ।
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मार्मिक कविता और ढेरों प्रश्नों से भरा चित्र .
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