गत वर्ष हिंदी दिवस पर लिखी एक कविता फिर से साझा कर रहा हूँ ! (Reblog) | मैंने अपने लेखन में हिंदी को राष्ट्र-भाषा कहा है | यह गलत जानकारी है | भारत में किसी भी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा नहीं दिया गया है | हिंदी भारत की “राज भाषा ” है ! इसका अर्थ है की राजकीय काम काज की भाषा के लिए हिंदी अनुमोदित है ! देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी भारत की ‘सरकारी/शासकीय’ भाषा है| अनजाने में हुवी इस त्रुटि के लिए क्षमा चाहता हूँ | 🤗😊😋🙏🙏
हिन्दी दिवस
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा,
घोषित हमें करनी पड़ी
स्वतः ही सब मान लेते
ऐसी कड़ी ना जुड़ सकी |
राजभाषा भी है हिंदी
सरकारी काम होते हैं जिसमे
पर अंग्रेजी भाषा को भी
जोड़ा गया है साथ इसमें
14 सितम्बर पावन दिवस
मनाते जिसे हिंदी दिवस
क्यों नहीं मनाते हम ह्रदय से
आधिकारिक तौर से हैं विवश
क्यों अंग्रेज़ी को इतना मान है
अंग्रेजी में बोलना शान है
अंग्रेजी अगर नहीं आती
समझते खुद को नाकाम हैं |
हिंदी भाषी का करते परिहास
बात ये करती हमें उदास
क्यों हिंदी की अहमियत ही नहीं
क्यों उसकी न कोई पूछ कहीं
एक रोचक बात है यह भी
हिंदी के ही सुर होते है
गाने गाते हैं वो जब भी
माँ हो बेटी हो या प्रेयसी
प्रेम जताते हिंदी में ही
मैं अपनी गर बात करूँ
अंग्रेजी माध्यम से जरूर पढ़ा
मेरा हिंदी आधार भी सुदृढ़ है बना
हिंदी का अपमान…
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Bahut hi khubsurat kavita dil ko sukun deti huyee…..magar sachchaayee ye bhi hai…..ki bina english kaa kaam nahi chalta ……English uttar se dakshin ko jodta hai………Hamen English se nafrat naa kar esey sahyogi bhasha maan eskey sahaare hindi ko pure vishwa men pahunchane ka kaam kar sakte hain aur kar bhi rahen hain…….ye meraa vyaktigat raai hai.
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Sahi hai! Poori tarah sehmat hoon! Hindi se pyar karne kaa katai arth nahee hai ki angrji se nafrat hai! Bura tab lagta hai jab Hindi nahi aaone par koee baat nahee, angreji nahi aati to badee baat ho gaee! Baat sateek hai ki angreji ke jariye Hindi aur bahut aage badh sakti hai ! Tippani karne ke liye dhanywaad.
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